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Karwa Chauth 2024: जानें आज के पूजा के शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय का सही समय

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करवा चौथ 2024 का त्योहार आज मनाया जा रहा है, और इस पावन दिन पर सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। यह व्रत न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक तौर पर भी इसका विशेष स्थान है। इस दिन महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को चंद्रमा के दर्शन के बाद अपने व्रत को तोड़ती हैं। इस लेख में हम आपको करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय का समय, और इस पर्व से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां विस्तार से बताएंगे।

करवा चौथ का महत्व

करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। यह पर्व प्रेम, समर्पण और विश्वास का प्रतीक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन व्रत रखने से पति की आयु लंबी होती है और दांपत्य जीवन में खुशियां बनी रहती हैं। इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके पूजा करती हैं और करवा (मिट्टी के बर्तन) में जल भरकर भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा करती हैं।

करवा चौथ की पूजा विधि

करवा चौथ की पूजा में सोलह श्रृंगार का विशेष महत्व होता है। महिलाएं सुहाग के प्रतीक लाल या गुलाबी रंग के वस्त्र पहनती हैं और सज-धजकर पूजा करती हैं। पूजा की विधि इस प्रकार होती है:

  1. सोलह श्रृंगार: महिलाएं इस दिन सोलह श्रृंगार करती हैं, जिनमें सिंदूर, बिंदी, चूड़ियां, मेहंदी, बिछिया, नथ, आदि शामिल होते हैं।
  2. करवा की स्थापना: पूजा स्थान को स्वच्छ करके वहां करवा (मिट्टी का बर्तन) स्थापित किया जाता है। इसमें जल और कुछ चावल भरकर रखा जाता है।
  3. भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश की पूजा: करवा चौथ की पूजा में भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
  4. कथा का श्रवण: पूजा के दौरान करवा चौथ की कथा सुनी जाती है, जो इस व्रत के महत्व को बताती है।
  5. चंद्रमा को अर्घ्य: चंद्रमा के उदय होने पर उसे अर्घ्य दिया जाता है और फिर व्रत तोड़ा जाता है।

करवा चौथ का शुभ मुहूर्त 2024

करवा चौथ का व्रत मुख्यतः चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। 2024 में करवा चौथ का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है:

  • करवा चौथ व्रत समय: सुबह 06:34 बजे से शाम 07:22 बजे तक
  • पूजा मुहूर्त: शाम 05:47 बजे से 07:04 बजे तक

पूजा के लिए शाम का समय सबसे उचित माना जाता है। इसलिए, इस समय पूजा सामग्री के साथ सभी तैयारियां कर लेनी चाहिए।

चंद्रोदय का समय 2024

करवा चौथ की पूजा में चंद्रमा के दर्शन का अत्यधिक महत्व है, क्योंकि चंद्र दर्शन के बाद ही व्रत तोड़ा जाता है। 2024 में विभिन्न शहरों में चंद्रोदय का समय इस प्रकार हो सकता है (संकेतात्मक समय):

इस साल चंद्रमा का उदय शाम 7:54 बजे होगा। महिलाएं इस समय चंद्रमा की पूजा करती हैं और उसके बाद अपने उपवास को खोलती हैं.

पटना रात 07:29

लखनऊ रात 07:42

कानपुर रात 07:47

प्रयागराज रात 07:42

दिल्ली रात 07:53

नोएडा रात 07:52

मुंबई रात 08:36

कोलकाता रात 07:22

ध्यान दें कि चंद्रमा के उदय का समय भौगोलिक स्थिति के आधार पर कुछ मिनट आगे-पीछे हो सकता है। इसलिए, स्थानीय समय को देखना सबसे अच्छा होगा।

करवा चौथ व्रत के नियम

करवा चौथ के व्रत को सही तरीके से निभाने के लिए कुछ नियमों का पालन किया जाता है। यह व्रत कठिन माना जाता है क्योंकि इसमें महिलाएं पूरे दिन जल और अन्न ग्रहण नहीं करतीं। इसके अलावा:

  • सुबह सरगी खाएं: करवा चौथ के दिन सुबह सूर्योदय से पहले सरगी खाई जाती है, जो व्रत का हिस्सा होती है। सरगी में मिठाई, फल, और सूखे मेवे होते हैं।
  • पूरे दिन निर्जला व्रत: इस दिन महिलाएं पानी तक नहीं पीतीं और सूर्यास्त के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत तोड़ती हैं।
  • चंद्र दर्शन के बाद व्रत तोड़ें: चंद्रमा को देखकर पति के हाथ से पानी पीकर व्रत तोड़ा जाता है।

सरगी का महत्व

सरगी, जो सास द्वारा बहू को दी जाती है, करवा चौथ व्रत का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसमें फल, मिठाई, मेवे, और हल्की फुल्की चीजें होती हैं, ताकि दिनभर व्रत रखने वाली महिलाएं ऊर्जा बनाए रखें। सरगी को सूर्योदय से पहले खाया जाता है, क्योंकि इसके बाद दिनभर कुछ भी नहीं खाया या पिया जाता।

करवा चौथ पर पहनावा और श्रृंगार

इस दिन सुहागिन महिलाएं खासतौर पर सोलह श्रृंगार करती हैं। वे नई या खासतौर पर सजी-धजी साड़ियों या लहंगों का चयन करती हैं। सिंदूर, मंगलसूत्र, चूड़ियां, और बिंदी इस श्रृंगार का मुख्य हिस्सा होते हैं। इस दिन के विशेष परिधान और श्रृंगार को धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से शुभ माना जाता है।

करवा चौथ व्रत की कथा

करवा चौथ की कथा कई पौराणिक और लोक कथाओं पर आधारित है। सबसे प्रसिद्ध कथा वीरवती की है, जो अपने पति की लंबी उम्र के लिए इस व्रत को करती थी। उसकी भाभियों ने उसे चंद्रमा के उदय से पहले व्रत तोड़ने के लिए विवश किया, जिससे उसके पति की मृत्यु हो गई। लेकिन वीरवती ने अपने पति को फिर से जीवित करने के लिए कठिन तपस्या की, जिससे उसका पति पुनः जीवित हो गया।

इस कथा से यह संदेश मिलता है कि करवा चौथ का व्रत न केवल प्रेम और समर्पण का प्रतीक है, बल्कि महिलाओं की शक्ति और धैर्य को भी दर्शाता है।

करवा चौथ पर चंद्र दर्शन का महत्व

करवा चौथ पर चंद्रमा के दर्शन का विशेष महत्व है। इसे शांत और शीतलता का प्रतीक माना जाता है। चंद्रमा को देखकर और उसे अर्घ्य देकर महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और समृद्धि की कामना करती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्रमा का दर्शन करने से मन की शांति और जीवन में समृद्धि आती है।

करवा चौथ पर उपहार का आदान-प्रदान

करवा चौथ के दिन उपहारों का आदान-प्रदान भी विशेष होता है। सास अपनी बहू को सरगी के रूप में उपहार देती है, और पति अपनी पत्नी को आभूषण, कपड़े, या अन्य चीजें भेंट करता है। यह दिन पति-पत्नी के रिश्ते को और भी मजबूत करने का अवसर होता है।

करवा चौथ 2024: इस वर्ष क्या खास है?

करवा चौथ 2024 इस वर्ष और भी खास होने वाला है क्योंकि इस बार यह त्योहार शनिवार के दिन पड़ रहा है, जिसे शनि देव का दिन माना जाता है। शनि देव की कृपा से इस दिन किए गए व्रत का फल और भी शुभ माना जाएगा। इसके अलावा, इस वर्ष का शुभ मुहूर्त भी विशेष है, जो इस पर्व को और भी महत्वपूर्ण बनाता है।

नयी पीढ़ी और करवा चौथ

नयी पीढ़ी के लिए भी करवा चौथ का व्रत अत्यधिक महत्व रखता है। हालांकि, आधुनिकता के साथ कुछ चीजें बदल गई हैं, लेकिन इस व्रत की आस्था और परंपराएं आज भी कायम हैं। आजकल, सोशल मीडिया पर करवा चौथ से जुड़े वीडियो, फोटो और पोस्ट्स देखने को मिलते हैं, जो इस त्योहार को और भी खास बना देते हैं।

Sandeep Kumar

Sandeep Kumar is an experienced Hindi and English news writer with nearly 5 years of experience in the media industry. He started his career with a digital news website chopal TV, where he worked in many sections including auto, tech and business. He loves writing and reading news related to technology, automobile and business. He has covered all these sections extensively and presented excellent reports for the readers. Sandeep Kumar has been trying to provide correct and accurate information to the readers on Local Haryana for the last 1.5 months.

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